हिमाचल न्यूज ,2024 के खत्म होने से पहले-पहले हिमाचल प्रदेश के अंदर एक लाख करोड़ रुपए की लागत से सड़कों का कायाकल्प होने वाला है। कुछ सड़कें बन चुकी होंगी, कुछ बन रहीं होंगी और कुछ का काम शुरू होने वाला होगा। यह बात केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी कही। नितिन गडकरी मंगलवार को हमीरपुर के दोसड़का में करीब 4,000 करोड़ की 15 एनएच परियोजनाओं, रोपवे प्रोजैक्ट के उद्घाटन व शिलान्यास करने पहुंचे थे। इस दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर व राज्य सरकार के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी मौजूद रहे। भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा वर्चुअली जुड़कर इस कार्यक्रम का हिस्सा बने। गडकरी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन की दृष्टि से बहुत फेमस है। हिमाचल प्रदेश में यदि पर्यटन व्यापार को आगे बढ़ाना है और यदि प्रदेश में ज्यादा कैपिटल इन्वैस्टमैंट लाना है तो इन्फ्रास्ट्रक्चर को और ज्यादा बढ़ाना होगा।
प्रदेश में पानी-बिजली की कोई कमी नहीं है लेकिन बेहतर सड़कें यहां की प्रमुख जरूरत है। इस जरूरत को समझते हुए 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जब मैं इस विभाग का मंत्री बना तो हमने प्रमुख रूप से हिमाचल प्रदेश के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों की संख्या कई गुना बढ़ाई थी। आज हम हमीरपुर में 4,000 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुईं सड़क परियोजना का लोकार्पण कर रहे हैं। नितिन गडकरी ने कहा कि अनुराग सिंह ठाकुर की मांग के अनुरूप हमीरपुर के बाईपास बनाने के लिए विभाग को डी.पी.आर. बनाने के आदेश यहां से दिए जा रहे हैं। शिमला, बिलासपुर, कांगड़ा, मटौर सड़क मार्ग को पूरी तरह फोरलेन बनाने का वचन आपको यहां से देता हूं। उन्होंने कहा कि मैं सी.आर.एफ. और सेतु मंडल परियोजना के तहत हिमाचल प्रदेश को अतिरिक्त 150 करोड़ रुपए भी यहां में मंजूर कर रहा हूं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि शिमला से मटौर के लिए 10,000 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे मार्ग में टनल बाईपास फोरलेन डबल लेन फोल्डर बनने के पश्चात कुल 43 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी, जिससे लोगों का समय बचेगा।
740 करोड़ से बनेगा हमीरपुर बाईपास
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 740 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले हमीरपुर बाईपास की लंबाई 17 किलोमीटर होगी, जिसको 2025 तक पूरा कर दिया जाएगा। इस मार्ग के बनने से लोगों का समय बचेगा और 7 घंटे की दूरी को वह 4 घंटे में पूरी कर पाएंगे। इस मार्ग के बनने से कांगड़ा हमीरपुर बिलासपुर सोलन और शिमला जिले की कनैक्टीविटी आपस में और बेहतर हो जाएगी। पंजाब-हिमाचल सीमा के साथ-साथ नादौन अम्ब और ऊना तक फोरलेन मार्ग का निर्माण 1700 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा। दिसम्बर 2024 तक इस कार्य की डी.पी.आर. बन जाएगी।
12,000 करोड़ रुपए से तैयार होगा पठानकोट -मंडी रोड
पठानकोट से मंडी तक 12,000 करोड़ रुपए की लागत से हम फोरलेन मार्ग का निर्माण कर रहे हैं। 171 किलोमीटर लंबे इस मार्ग के बनने के पश्चात 48 किलोमीटर की दूरी कम होगी। अभी यह दूरी 232 किलोमीटर है। पंजाब बाॅर्डर के चक्की-पालमपुर-बैजनाथ से मंडी तक 11,000 करोड़ रुपए की लागत से 197 किलोमीटर लंबे मार्ग का निर्माण किया जा रहा है जिसमें 100 किलोमीटर फोरलेन और 97 किलोमीटर टू लेन सड़क मार्ग होगा। मंडी के लिए बाईपास और फोरलेन टनल का काम नेरचौक से कुल्लू तक 4,800 करोड़ रुपए की लागत से फोरलेन का काम पर्यटन को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण रहेगा। इसके अलावा सोलन से गरली तक 1,135 करोड़ के लागत से सड़क मार्ग बना रहे हैं। इसे लुधियाना से 17 किलोमीटर दूर माने गांव में दिल्ली-कटरा एक्सप्रैस हाईवे से जोड़ा जाएगा। जो लोग दिल्ली से कटरा जाएंगे, वे वापसी में लुधियाना से शिमला भी एक बढ़िया मार्ग से पहुंचने का विकल्प इस सड़क के माध्यम से पा सकेंगे। यह हाईवे एन.एच. 42 और उत्तर दक्षिण कॉरिडोर से ट्रैफिक के दबाव को कम करेगा।