लाइफस्टाइल (हेल्थ एंड फिटनेस )भारतीय महिलाओं में कुछ प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं बड़ी चिंता का कारण रही हैं। रिपोर्ट्स से पता चलता है कि ज्यादातर महिलाओं को आहार से पर्याप्त पोषण ही नहीं मिल पाता है, जिसके कारण उनमें कई प्रकार की बीमारियों के विकसित होने का जोखिम हो सकता है। भारतीय महिलाओं में कुपोषण और एनीमिया जैसी समस्याओं का खतरा अधिक देखा जाता रहा है। समय के साथ इसमें सुधार तो हुआ है पर ग्रामीण भारतीय महिलाओं में ये अब भी बड़ा जोखिम बना हुआ है।
हर साल 8 मार्च को महिला अधिकारों, समानता और महिलाओं के खिलाफ हिंसा-दुर्व्यवहार जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने, महिलाओं के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, महिलाएं किसी भी स्वस्थ समाज की प्रमुख धुरी होती हैं, अगर ये अस्वस्थ हैं तो इससे परिवार और समाज पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए महिलाओं के पोषण पर ध्यान देना बहुत आवश्यक हो जाता है।
महिलाओं में कुपोषण की समस्या
कई अध्ययनों और शोधों ने निर्णायक रूप से साबित किया है कि स्वस्थ महिलाएं, बेहतर बौद्धिक क्षमता वाले स्वस्थ बच्चों को जन्म देती हैं। हालांकि दुर्भाग्यवश भारत सहित दुनिया के कई देशों के आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में आवश्यक विटामिन्स और पोषक तत्वों से भरपूर आहार नहीं मिल पाता है। ये न सिर्फ उनकी सेहत को गंभीर रूप से प्रभावित करने वाली समस्या है, साथ ही इससे बच्चों की सेहत पर भी कई प्रकार से असर हो सकता है। पीढ़ी दर पीढ़ी महिलाओं में दीर्घकालिक कुपोषण का बोझ, महिलाओं की भोजन की आदतों और इसमें पोषकता की कमी कई प्रकार से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है।
एनीमिया का बढ़ता जोखिम :- एनीमिया भारतीय महिलाओं में होने वाली एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें 58.6% बच्चे, 53.2% महिलाएं और 50.4% गर्भवती महिलाएं शामिल हैं। एनीमिया यानी शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी की समस्या है, जिसके कारण कमजोरी, थकान जैसी दिक्कतों के साथ तंत्रिकाओं और शरीर के अन्य अंगों पर असर हो सकता है। एनीमिया की गंभीर स्थिति के जानलेवा दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जिसको लेकर सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने की सलाह दी जाती है
कैसे करें इन स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव :- स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, आहार को ठीक रखना न सिर्फ महिलाओं, बल्कि सभी की सेहत के लिए जरूरी है। खाने की थाली में रंग-बिरंगी सब्जियों-फलों को शामिल करें। आहार में आयरन, विटामिन बी और प्रोटीन की भरपूर मात्रा को शामिल करके कुपोषण और एनीमिया जैसी दिक्कतों से बचाव किया जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कम उम्र से ही महिलाओं को अपने आहार को ठीक रखने पर ध्यान देना चाहिए।