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आइये जानें बड़ी समस्या टीबी के लक्षण और इस से बचाव के तरीके

लाइफस्टाइल (हेल्थ एंड फिटनेस ),दुनियाभर में ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) एक बड़ी समस्या रही है जिससे हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। भारत भी इस गंभीर स्वास्थ्य जोखिम से परेशान रहा है। एक आंकड़े के मुताबिक साल 2021 में टीबी से कुल 1.6 मिलियन (16 लाख) लोगों की मृत्यु हुई, दुनिया भर में टीबी रोग मौत का 13वां प्रमुख कारण है। भारत ने 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य बनाया था, हालांकि आंकड़े बताते हैं कि वास्तविक स्थिति, निर्धारित लक्ष्य से काफी दूर है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने तपेदिक (टीबी) को दुनिया के सबसे घातक संक्रामक रोगों में रखा है। साल 2022 में भारत में दर्ज किए गए टीबी के कुल मामलों की संख्या 21.42 लाख थी, जिनमें से अकेले तेलंगाना में 72,878 मामले दर्ज किए गए। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर देश में साल 2022 में टीबी के कुल मामलों में 13 फीसदी की वृद्धि हुई है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं सभी लोगों को टीबी रोग को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहना जरूरी है। बचाव के लिए आवश्यक है कि हमें इस रोग के लेकर सही जानकारी हो।

ट्यूबरक्लोसिस के बारे में जानिए :- ट्यूबरक्लोसिस को गंभीर श्वसन रोग माना जाता है, ये बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होने वाली समस्या है, जिसमें आपके फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है। बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति के खांसने-छींकने से निकली ड्रॉपलेट्स के संपर्क में आने के कारण दूसरे लोगों के भी संक्रमित होने का खतरा हो सकता है। भीड़-भाड़ वाली जगहों में टीबी के संक्रमण के फैलने का खतरा अधिक देखा जाता रहा है। अभी तक मुख्यरूप से टीबी की समस्या में खांसी होने को प्रमुख लक्षण माना जाता रहा था, हालांकि हालिया रिपोर्ट्स में इसके लक्षणों में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है।

टीबी रोगियों में कैसे होते हैं लक्षण :- टीबी के रोगाणुओं के फेफड़ों में बढ़ने से टीबी का संक्रमण होता है। प्रारंभिक संक्रमण की स्थिति में अधिकांश लोगों में कोई भी लक्षण नहीं दिखते हैं। कुछ लोगों में फ्लू जैसी समस्या विकसित हो जाती है, जिसके कारण हल्का बुखार, थकान और खांसी होती है। संक्रमण बढ़ने की स्थिति में खांसी के साथ बलगम आने, सांस लेने या खांसने के साथ दर्द होने, बुखार-ठंड लगने, रात में पसीना आने की समस्या देखी जाती रही है।
हालांकि एक हालिया शोध में वैज्ञानिकों ने बताया कि अधिकतर संक्रमितों में अब टीबी का प्रमुख लक्षण, यानी खांसी की समस्या ही नहीं देखी जा रही है।

किन लोगों में टीबी का खतरा अधिक :- स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, किसी को भी टीबी का संक्रमण हो सकता है, लेकिन कुछ कारकों में इसका खतरा बढ़ जाता है। यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति के अधिक संपर्क में रहते हैं जिसे टीबी रोग है तो इससे आपमें भी संक्रमण का खतरा विकसित हो सकता है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली से टीबी संक्रमण खतरा बढ़ जाता है। प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी वाली स्थितियों जैसे डायबिटीज, फेफड़ों के रोग, किडनी की बीमारी, एचआईवी संक्रमितों या कैंसर के शिकार लोगों में भी खतरा अधिक देखा जाता रहा है।

टीबी से बचाव और इलाज :- डॉक्टर कहते हैं, जिन लोगों में टीबी का परीक्षण किया गया है उन्हें दवाओं से लाभ मिल सकता है। टीबी की बीमारी को फैलने से रोकने के लिए आपको अन्य लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। टीबी रोगियों को जितना हो सके अपने घर के सदस्यों से उचित दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
टीबी के रोगाणु बंद स्थानों में अधिक आसानी से फैलते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप जिस कमरे में रहते हैं वहां पर वेंटिलेशन की अच्छी व्यवस्था बनाए रखें। जब आपको अन्य लोगों के आसपास रहना हो तो मास्क पहनें। घर के अन्य सदस्यों को अपनी सुरक्षा के लिए मास्क पहनने की सलाह दी जाती है। दवाओं के माध्यम से टीबी को ठीक किया जा सकता है।

Kullu Update
Author: Kullu Update

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