कुल्लू अपडेट , जिले में मौसम कृषि और बागवानी के लिए अनुकूल बना हुआ है। रबी फसलों और सब्जियों के लिए यूरिया खाद की आवश्यकता रहती है। किसान फसलों की निराई के साथ यूरिया का उपयोग बेहतर पैदावार के लिए कर रहे हैं। सेब, नाशपाती और प्लम की फसलों के लिए 12:32:16 खाद फायदेमंद मानी जाती है। बागवान भी 12:32:16 खाद इन दिनों बगीचों में डाल रहे हैं। किसानों और बागवानों को खाद संबंधी किसी तरह की समस्या न आए, इसके लिए 12:32:16 और यूरिया की 10,000 बोरियों की मांग चंडीगढ़ भेजी गई है। रबी सीजन में किसानों-बागवानों को अब खाद की किल्लत नहीं झेलनी पड़ेगी। इफको ने रबी सीजन की फसलों और सब्जियों के बेहतर उत्पादन के लिए यूरिया की 2,000 तथा सेब, नाशपाती, प्लम आदि फसलों के लिए 12:32:16 की 8000 बोरियों की मांग भेजी है। किसानों-बागवानों को मांग के अनुसार 20 अप्रैल से खाद मुहैया करवा दी जाएगी। खाद मिलने के बाद किसानों और बागवानों को किसी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। घाटी के किसानों और बागवानों को खाद की खेप कुल्लू पहुंचने का इंतजार है। इफको के क्षेत्रीय प्रबंधक रोहित गलोटिया ने कहा की कुल्लू में यूरिया और 12:32:16 खाद की कमी नहीं है। किसानों-बागवानों को खाद इफको में पंजीकृत सोसायटियों के माध्यम से उनके क्षेत्र में उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि रबी और फल सीजन में खाद की कमी न खले, इसके लिए चंडीगढ़ से अतिरिक्त 10,000 बोरियां खाद की मंगवाई गई हैं।