देश दुनिया , भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथ बुच विल्मोर के साथ बोइंग स्टारलाइनर गुरुवार को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के साथ जुड़ गया। 59 साल की सुनीता एक नए चालक दल वाले अंतरिक्ष यान का संचालन और परीक्षण करने वाली पहली महिला बन गईं। विलियम्स जो पहले भगवान गणेश की मूर्ति और भगवद गीता को अंतरिक्ष में ले जा चुकी हैं, अपनी तीसरी यात्रा के लिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुंची हैं। स्पेस स्टेशन पर पहुंचने के बाद उन्होंने नृत्य कर इस जश्न को मनाया। इसके साथ ISS पर सवार सात अंतरिक्ष यात्रियों को गले लगाया।
विलियम्स और विल्मोर का स्वागत घंटी बजाकर किया गया, जो ISS पर एक पुरानी परंपरा है। स्पेस स्टेशन के बाकी सदस्यों को एक परिवार बताते हुए उन्होंने इतने शानदार स्वागत के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। विलियम्स और विल्मोर स्टारलाइनर में उड़ने वाले पहले अंतरिक्ष यात्री हैं। फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से लॉन्चिंग के लगभग 26 घंटे बाद उन्होंने बोइंग स्पेसक्राफ्ट को सफलतापूर्वक ISS तक पहुंचा दिया। दोनों अंतरिक्ष यात्रियों ने स्टारलाइनर के स्पेस स्टेशन से जुड़ने से पहले निगरानी की।
एक सप्ताह तक रहेंगी अंतरिक्ष में
मामूली हीलियम रिसाव जैसी तकनीकी गड़बड़ियों के कारण डॉकिंग में लगभग एक घंटे की देरी हुई। ISS के रास्ते में चालक दल ने अंतरिक्ष में पहली बार स्टारलाइनर को मैन्युअल रूप से उड़ाने सहित परीक्षणों की एक शृंखला पूरी की। वे अंतरिक्ष में लगभग एक सप्ताह बिताएंगे और विभिन्न परीक्षणों में सहायता करेंगे और वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे। स्टारलाइनर से वापस पृथ्वी पर लौटने के दौरान उनका समुद्र की जगह जमीन पर उतरने का प्लान है।
स्पेस स्टेशन में पहुंचने पर क्या बोलीं सुनीता
नासा हमेशा से अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने के लिए स्पेसएक्स क्रू मॉड्यूल का एक विकल्प चाहता था और बोइंग स्टारलाइनर कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम के हिस्से के रूप में इसे आकार दे रहा है। सुनीता विलियम्स ने स्वीकार किया था कि वह उड़ान से पहले थोड़ी घबराई हुई थीं। लेकिन उन्होंने कहा कि नए अंतरिक्ष यान में उड़ान भरने को लेकर उन्हें कोई घबराहट नहीं थी। उन्होंने आगे कहा, ‘जब में ISS पर पहुंची तो ऐसा लगा, जैसे में घर लौट आई हूं।’ विलियम्स ने स्टारलाइनर को डिजाइन करने में मदद की है, जिसमें सात चालक दल बैठ सकते हैं।