लाइफस्टाइल (हेल्थ एंड फिटनेस )हृदय रोग-हार्ट अटैक के मामले कम उम्र के लोगों में भी देखे जा रहे हैं। हार्ट अटैक को वैश्विक स्तर पर मृत्यु के शीर्ष कारणों में से एक माना जाता है। रिपोर्ट्स से पता चलता है कि कोरोना महामारी के बाद से हार्ट अटैक के मामलों में और भी इजाफा हुआ है। भारत में बड़ी संख्या में लोगों को हार्ट अटैक और हृदय संबंधित अन्य रोगों के कारण जान गंवानी पड़ी है।
ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल बढ़ने को इस जानलेवा स्थिति का प्रमुख जोखिम कारक माना जाता है। जिन लोगों के परिवार में पहले से किसी को हृदय रोग रहा है या फिर जो लोग मोटापा के शिकार हैं, दिन का ज्यादातर समय बैठे-बैठे बिताते हैं उनमें हार्ट अटैक का खतरा और अधिक बढ़ जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को निरंतर हृदय स्वास्थ्य को लेकर अलर्ट रहना चाहिए।
क्या आप जानते हैं ब्लड प्रेशर-कोलेस्ट्रॉल और मोटापा के अलावा भी कई ऐसी स्थितियां हैं जो हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ाने वाली हो सकती हैं? अक्सर इनपर ध्यान नहीं दिया जाता है पर वास्तव में इसके गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
हृदय रोग विशेषज्ञ बताते हैं, मोटापा और ब्लड प्रेशर बढ़ने को हृदय की सेहत के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदायक माना जाता है। शरीर में अतिरिक्त फैट के कारण सेहत पर कई तरह से नकारात्मक असर होने का जोखिम रहता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास और आहार में गड़बड़ी भी हार्ट अटैक के जोखिमों को बढ़ा देते हैं।
इन सबके अलावा हमारी दिनचर्या की भी कई गड़बड़ आदतें हैं जिससे हृदय को बहुत नुकसान पहुंचता है और इससे हार्ट अटैक-हार्ट फेलियर तक का खतरा हो सकता है। इस बारे में भी जानना सभी लोगों के लिए बहुत जरूरी है।
संपूर्ण सेहत के लिए अच्छी नींद जरूरी है। इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों ठीक रहता है। अगर आपको नियमित रूप से पर्याप्त नींद नहीं मिलती है, तो आप चिड़चिड़ा और थका हुआ महसूस कर सकते हैं। अक्सर नींद की बनी रहने वाली ये समस्या दिल का दौरा पड़ने का खतरा भी बढ़ा देती है।
एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग आमतौर पर रात में 6 घंटे से कम सोते हैं, उनमें दिल का दौरा पड़ने की आशंका उन लोगों की तुलना में दोगुनी थी जो निर्बाध 6 से 8 घंटे सोते हैं। डॉक्टरों को ठीक से पता नहीं है कि ऐसा क्यों होता है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि नींद की कमी से आपका रक्तचाप बढ़ सकता है और इससे इंफ्लामेशन का भी खतरा रहता है। ये दोनों ही हार्ट अटैक के लिए प्रमुख जोखिम कारक हैं।
वायु प्रदूषण को श्वसन स्वास्थ्य और फेफड़ों के लिए हानिकारक माना जाता रहा है, पर क्या आप जानते हैं कि लंबे समय तक प्रदूषित हवा में रहने के कारण आपमें हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है? शोधकर्ताओं ने बताया कि जो लोग नियमित रूप से दूषित हवा में सांस लेते हैं, उनमें धमनियों के बंद होने और हृदय रोग होने की आशंका अधिक होती है।
वायु प्रदूषण एथेरोस्क्लेरोसिस के लिए जिम्मेदार पाया गया है जो धमनी की दीवारों में प्लाक बनाता है और हृदय रोग का कारण बनता है। प्रदूषण, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसे हार्ट अटैक के कारणों को भी बढ़ा सकता है। फिट रहने और नियमित व्यायाम से आपका हृदय स्वस्थ रहता है लेकिन बहुत ज़्यादा व्यायाम करना भी खतरनाक हो सकता है। लगभग 6% दिल के दौरे अत्यधिक शारीरिक व्यायाम के कारण होते हैं। क्षमता से अधिक वजन उठाने या लंबे समय तक शारीरिक गतिविधि के कारण हृदय पर दबाव बढ़ने लगता है और इससे ब्लड प्रेशर के भी तेजी से बढ़ने का खतरा रहता है। हाल के वर्षों में जिम में हार्ट अटैक के कई मामले सामने आए हैं।