हिंदू धर्म में जन्माष्टमी त्योहार का विशेष महत्व होता है। जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाने वाला श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाया जाता है। इस वर्ष 26 अगस्त 2024 को श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है और कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। मान्यता है कि इस दिन तुलसी के पौधे से जुड़े कुछ खास उपाय करने से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं और भक्तों को अनेक प्रकार के आशीर्वाद प्रदान करते हैं। भगवान श्रीकृष्ण को तुलसी बेहद प्रिय है, यही वजह है कि जन्माष्टमी के दिन तुलसी से जुड़े कुछ खास उपाय करना बेहद शुभ साबित हो सकते हैं। आइए इस लेख में इसी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
तुलसी का महत्व :- तुलसी को हिंदू धर्म में एक पवित्र पौधा माना जाता है। इसे सभी देवताओं को प्रिय माना जाता है, विशेषकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को। तुलसी के पौधे को घर में लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।
जन्माष्टमी पर तुलसी के उपाय
- जन्माष्टमी के दिन तुलसी के समक्ष भगवान श्रीकृष्ण के चार नाम- गोपाल, गोविंद, देवकीनंदन, और दामोदर का उच्चारण करें। साथ ही ओम् नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का भी जाप करें। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन की सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
- जन्माष्टमी के दिन जब पूजन के समय कान्हा को माखन का भोग लगाएं तो उसमें तुलसी के पत्ते जरूर डालें। ऐसा करने से आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है।
- अगर आप नौकरी या बिजनेस में तरक्की पाना चाहते हैं तो जन्माष्टमी के दिन तुलसी माता को लाल रंग की चुनरी चढ़ाएं।
- जन्माष्टमी के दिन तुलसी के सामने घी का दीपक जलाएं और तुलसी माता की 11 बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।
- जन्माष्टमी के दिन घर में तुलसी का पौधा लगाने से वैवाहिक जीवन में आ रही दिक्कतें दूर हो जाती हैं और दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है।
जन्माष्टमी के दिन तुलसी से जुड़े उपाय करने से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं और ऐसे भक्तों पर उनकी विशेष कृपा होती है। तुलसी का पौधा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। इसलिए, जन्माष्टमी के दिन तुलसी के पौधे की पूजा-अर्चना अवश्य करें और इसके उपायों को अपना सकते हैं।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। इस लेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए कुल्लू अपडेट उत्तरदायी नहीं है।