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खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष, मनोज कुमार ने बोरिवली के कोरा केन्द्र में शुक्रवार को खादी कार्यकर्ताओं को किया संबोधित

पूरे देश में खादी राष्ट्रीय ध्वज के उत्पादन और बिक्री को बढ़ाने और देश की सभी खादी संस्थाओं को सशक्त बनाने व प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) ने बोरीवली स्थित सी. वी. कोरा ग्रामोद्योग संस्थान में शुक्रवार को खादी राष्ट्रीय ध्वज कार्यकर्ता संवाद का आयोजन किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि अध्यक्ष केवीआईसी, श्री मनोज कुमार ने खादी कार्यकर्ताओं को संबोधित  किया। अपने अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने राष्ट्र निर्माण में खादी कार्यकर्ताओं के योगदान की सराहना की और कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान ने खादी के राष्ट्रीय ध्वजों की मांग में भारी वृद्धि की है।  

खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष ने इस अवसर पर कहा, “यह आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह हमारे स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक खादी को और अधिक प्रासंगिक बनाने का प्रयास है, जो राष्ट्र के प्रति हमारी अटूट श्रद्धा को दर्शाता है।” उन्होंने आगे कहा कि खादी आत्मनिर्भर भारत की आत्मा है। ग्रामीण भारत के अर्थतंत्र का आधार है। विश्व में खादी ही एक ऐसा वस्त्र है जिसका अपना गौरवशाली इतिहास है। सही मायने में खादी को ‘नयी शक्ति’ 2014 में तब मिली जब देश में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व वाली सरकार बनी। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि जिस खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री वित्तवर्ष 2013-14 के दौरान 31154.20 करोड़ रुपये थी वो 5 गुना बढ़कर वित्तवर्ष 2023-24 में 155673.12 करोड़ रुपये पहुंच गयी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और एमएसएमई मंत्रालय के मार्गदर्शन में स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार खादी और ग्रामोद्योग के कारोबार ने 1 लाख 55 हजार करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर नया कीर्तिमान बनाया है। पहली बार इस क्षेत्र में 10.17 लाख नए रोजगार सृजित हुए हैं।   

अपने विचार व्यक्त करते हुए आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चले ‘हर घर तिरंगा अभियान’ ने खादी के राष्ट्रीय ध्वजों की बिक्री को 1101.15 प्रतिशत तक बढ़ाया है। वर्ष 2013-14 में देश में जहां खादी से बने राष्ट्रीय ध्वजों की बिक्री सिर्फ 87 लाख थी, वहीं वर्ष 2023-24 में ये बढ़कर 10.45 करोड़ रुपये तक पहुंच गयी। पिछले तीन वर्षों में, जब से तिरंगा यात्रा की शुरूआत हुई है, खादी के राष्ट्रीय ध्वजों की कुल बिक्री 33 करोड़ रुपये को पार कर गयी है। इस बिक्री का सीधा लाभ खादी कारीगरों को अतिरिक्त पारिश्रमिक के रूप में हो रहा है, जो इस बात को सिद्घ करता है कि तिरंगा यात्रा से खादी जगत को सबसे ज्यादा लाभ हुआ है। अध्यक्ष केवीआईसी ने आगे कहा कि पिछले 10 वर्षों में पूज्य बापू की विरासत खादी विकसित भारत की गारंटी बन गयी है।

अध्यक्ष केवीआईसी श्री मनोज कुमार ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खादी क्रांति ने भारतीय धरोहर खादी को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई है। लेकिन कुछ लोग अपने दूषित विचारों से पूज्य बापू की खादी के खिलाफ भ्रामक प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है, पहले भी ऐसे असफल प्रयास हुए हैं। लेकिन पूज्य बापू के नेतृत्व में खादी ना तो स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों सामने झुकी थी, ना ही आज ‘भ्रामक प्रचार’ करने वालों के सामने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में झुकेगी। खादी के 5 लाख कारीगर, जिसमें 80 प्रतिशत महिलाएं हैं, अपनी शक्ति और सामर्थ्य से खादी को नयी ऊंचाइयों पर ले जाएंगी। खादी के विरूद्ध हर भ्रामक प्रचार को देशभर के खादी प्रेमी स्वयं विफल करेंगे।     

 खादी राष्ट्रीय ध्वज कार्यकर्ता संवाद समारोह में स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों, खादी उद्योग के प्रतिनिधियों और क्षेत्र के नागरिकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। इस इकाई के माध्यम से खादी उद्योग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने और देशभक्ति की भावना को मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा। कार्यक्रम में केवीआईसी के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

Kullu Update
Author: Kullu Update

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