लाइफस्टाइल (हेल्थ एंड फिटनेस ), वायरल रोग वह बीमारियां हैं जो वायरस के कारण होती हैं। वायरस सूक्ष्मजीव होते हैं जो शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश करके उन्हें संक्रमित करते हैं और रोग उत्पन्न करते हैं। ये रोग सामान्य सर्दी-जुकाम से लेकर गंभीर बीमारियों जैसे एचआईवी/एड्स और कोविड-19 तक हो सकते हैं। वायरल बीमारियों को उन्हें उत्पन्न करने वाले वायरस, उनके लक्षणों और उनके द्वारा प्रभावित अंगों या प्रणालियों के आधार पर कई प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है। वायरल रोगों से बचाव के लिए उचित स्वच्छता, टीकाकरण और मच्छररोधी उपाय महत्वपूर्ण हैं। यदि आप किसी वायरल संक्रमण के लक्षण महसूस करते हैं, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श करना आवश्यक है। यहां कुछ सामान्य वायरल बीमारियों के प्रकार और उनके लक्षण बताए जा रहे हैं, ताकि रोग की पहचान कर सही समय पर उचित इलाज अपनाया जा सके।
वायरल रोगों के प्रकार
वायरल रोगों को कई प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है, जिसमें श्वसन तंत्र, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल वायरल, त्वचा संबंधी वायरल, रक्त जनित वायरल, न्यूरोलॉजिकल वायरल, मच्छर जनित वायरल समेत अन्य कुछ प्रकार हैं,
- श्वास से जुड़े वायरल रोगों में सामान्य सर्दी, इन्फ्लूएंजा और कोरोना वायरस शामिल है, जो वायु द्वारा शरीर में प्रवेश करता है।
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल वायरल रोगों में पेट से संबंधित समस्याएं जैसे स्टमक फ्लू, नोरोवायरल रोटावायरस और हेपेटाइटिस ए शामिल है।
- त्वचा और म्यूकस मेम्ब्रेन के वायरल में चिकन पॉक्स, हर्पीज, मीजल्स, रूबेला, एचपीवी जैसे वायरल होते हैं।
- रक्त जनित वायरल में एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, सी और इबोला है, जो खून के माध्यम से पीड़ित को प्रभावित करता है।
- पोलियो और रेबीज न्यूरोलॉजिकल वायरल रोगों में शामिल है।
- डेंगू बुखार, मलेरिया, चिकनगुनिया, जीका वायरस और येलो फीवर वेक्टर बोर्न वायरल रोगों का हिस्सा है।
भारत में सबसे ज्यादा फैला वायरल रोग
डेंगू
डेंगू एक मच्छर जनित वायरल रोग है जो कि मच्छर के काटने से फैलता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता। डेंगू वायरस से संक्रमित हर व्यक्ति में लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। इसमें तेज बुखार के साथ मलती, उल्टी, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ने लगते हैं। गंभीर स्थितियों में डेंगू के कारण आंतरिक रक्तस्त्राव होने का जोखिम भी बढ़ जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, प्रतिवर्ष 39 करोड़ लोग डेंगू वायरस से संक्रमित होते हैं, जिनमें से 9.6 करोड़ लोगों में इसके लक्षण दिखाई देते हैं। भोपाल में इस साल कुल 101 डेंगू के मामले रिपोर्ट किए गए हैं, जिनमें से लगभग आधे जुलाई में ही सामने आए हैं।
चिकनगुनिया
चिकनगुनिया भी एक मच्छर जनित वायरल रोग है, जो एडीज मच्छरों के काटने से फैलता है। चिकनगुनिया और डेंगू, दोनों के ज्यादातर लक्षण एक जैसे ही होते हैं, जिसमें तेज बुखार, के साथ जोड़ों में दर्द और शरीर में दर्द की समस्या रहती है। इसके अलावा कुछ लोगों को जोड़ों में सूजन, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, मतली, थकान और त्वचा पर दाने-चकत्ते भी दिख सकते हैं। चिकनगुनिया के दीर्घकालिक मामलों में क्रोनिक आर्थराइटिस और तंत्रिका संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
इन्फ्लूएंजा
इन्फ्लूएंजा श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाला वायरल संक्रमण है। इसमें तेज बुखार, खांसी, गले में खराब और मांसपेशियों में दर्द व ठंड लगती है। वहीं कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को गंभीर श्वसन समस्याएं हो सकती हैं। मौसम में बदलाव के कारण इन्फ्लूएंजा संक्रमण का खतरा काफी अधिक देखा जाता है मार्च 2023 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 3000 से अधिक इंफ्लूएंजा के मामले सामने आए।
मलेरिया
डेंगू की तरह मलेरिया भी गंभीर बीमारी है। मलेरिया परजीवी के कारण होने वाली बीमारी है। यह परजीवी संक्रमित मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलती है। इसमें तेज बुखार, कंपकंपी वाली ठंड महसूस होती है। मलेरिया के कारण फेफड़ों में तरल पदार्थ जमा हो सकता है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है। कुछ स्थितियों में यह रोग किडनी-लिवर को भी नुकसान पहुंचा सकती है।
आंखों का फ्लू
मौसम में बदलाव के कारण संक्रमण फैलना आम है, इसमें आई फ्लू या कंजक्टिवाइटिस भी शामिल है, जिसे हल्के में बिल्कुल नहीं लेना चाहिए। यह संक्रमण किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन ज्यादातर बच्चे इसकी चपेट में आते हैं। बारिश के कारण हवा द्वारा संक्रमण फैलाने वाले कीटाणु और जीवाणु बढ़ जाते हैं। यह संक्रमित सतह को छूकर ही फैलता है। इसमें आंखों में जलन, दर्द और लालिमा जैसी परेशानियां देखने को मिलती हैं।