कुल्लू अपडेट,प्रसिद्ध कथाकार शेर सिंह की पुस्तक “समय चक्र” का लोकार्पण प्रेस क्लब ऑफ कुल्लू में किया गया। वरिष्ठ कथाकार, लेखक शेर सिंह की नई पुस्तक, “समय चक्र” का लोकार्पण एपीआरओ कुल्लू जेपी शर्मा के कर कमलों द्वारा किया गया। प्रेस क्लब ऑफ कुल्लू के प्रधान धनेश गौतम विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर लेखक शेर सिंह ने बताया कि समय चक्र पुस्तक 101 लघुकथाओं का संग्रह है। यह कथाकार- लेखक शेर सिंह की दसवीं पुस्तक है। अब तक शेर सिंह की एक कविता संग्रह, पांच कहानी संग्रह, दो यात्रा संस्मरण, एक लंबी कहानी की पुस्तिका और अब यह लघुकथा संकलन प्रकाशित हो चुके हैं। इस अवसर पर मुख्यातिथि सहायक लोक संपर्क अधिकारी जेपी शर्मा ने कहा कि शेर सिंह ने अपनी लेखनी की यात्रा इस उम्र में भी जारी रखी है जो नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। उन्होंने कहा कि हमें इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए कि हर संस्मरण को प्रकाशित कर रहे हैं। इस लघुकथा संग्रह को न्यू वर्ल्ड, पब्लिकेशन, दिल्ली ने प्रकाशित किया है। पुस्तक का आवरण कुल्लू की लोकप्रिय चित्रकार डॉ. संजू पॉल की कलाकृति से सुज्जित है। पुस्तक का आमुख प्रख्यात कहानीकार व हरियाणा साहित्य अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष कमलेश भारतीय ने लिखा है। लघुकथा विधा के विख्यात लेखक डॉ. कमल चोपड़ा, दिल्ली ने पुस्तक के संबंध में अपने विचार व्यक्त किये हैं। शेर सिंह हिमाचल प्रदेश से एक सशक्त कथाकार लेखक हैं। इनकी कहानियां तथा साहित्य की सभी विधाओं की रचनाएं देश के लोकप्रिय एवं स्तरीय पत्र पत्रिकाओं में निरंतर छपती रहती हैं। वे मूलतः लाहुल से संबंध रखते हैं। शेर सिंह लाहुल से अखिल भारतीय स्तर के अकेले कहानीकार लघुकथाकार हैं। इन्हें अब तक “राष्ट्र भारती अवार्ड” सहित कई पुरस्कार व सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। इनकी एक लंबी कहानी की पुस्तिका भारत सरकार के “नव साक्षर” पाठ्यक्रम में शामिल है। कथाकार शेर सिंह का पूरा नाम शेर सिंह शर्मा है, लेकिन ये अपनी रचनाएं शेर सिंह के नाम से ही लिखते हैं।
शेर सिंह ने एमए (हिन्दी) एवं बी.एड, पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से की है और वर्तमान में स्वतंत्र लेखक है। देश के प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कहानी, कविता, लघुकथा, बाल कहानियां- कविताएं, संस्मरण, लोक कथाएं, पर्यटन एवं आलेख इत्यादि सभी विधाएं प्रकाशित है। अनेक कहानी एवं काव्य संकलनों में रचनाएं शामिल। कई प्रतिष्ठित वेब पत्रिकाओं में भी रचनाएं प्रकाशित हो रही है। अब तक दस पुस्तकें प्रकाशित है। जिनमें एक कविता संग्रह, “मन देश है, तन परदेश” तथा पांच कहानी संग्रह, “आस का पंछी”, “शहर की शराफत” “घास का मैदान”, “बावला”, “चेन्ना माया” और एक लंबी कहानी की पुस्तिका “रतन का सपना” भारत सरकार के नवसाक्षर पाठ्यक्रम में शामिल है। एक लघुकथा संग्रह “समय चक्र” और दो संस्मरण यात्राएं, “यांरा से वॉलोगोन्ग” तथा “यायावरी सिडनी शहर में वे दिन” प्रकाशित हुई है।
लेखक शेर सिंह राष्ट्र भारती अवार्ड सहित कई पुरस्कार एवं सम्मान सम्मानित है। लेखक शेर सिंह ने इससे पहले कुछ वर्ष अध्यापन एवं अनुवादक के पदों पर भी कार्य किया। लगभग साढे तीन दशकों तक एक राष्ट्रीयकृत बैंक में वरिष्ठ अधिकारी के पद पर कार्य के पश्चात लखनऊ से सेवानिवृत्त हुए। विदेश में भी प्रवास रहा। अब कुल्लू, हिमाचल प्रदेश में स्थायी निवास है। शेर सिंह का कार्य क्षेत्र हिमाचल प्रदेश (कुल्लू, कांगडा), चंडीगढ़, उडुपि (कर्नाटक), भुवनेश्वर, अहमदाबाद, भोपाल, लखनऊ, हैदराबाद, नागपुर, गाजियाबाद तथा बनारस रहा। लगभग संपूर्ण भारत को देखने जानने तथा कार्य व प्रवास करने का अवसर प्रदान हुआ।