लाइफस्टाइल (हैल्थ एंड फिटनेस ),माइग्रेन बहुत सामान्य सी न्यूरोलॉजिकल समस्या है जिसमें सिर के एक हिस्से में तेज दर्द होने लगता है। इस दर्द के अनुभव के साथ धड़कनों में तेजी, मतली, उल्टी और ध्वनि-प्रकाश के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता का भी अनुभव हो सकता है। माइग्रेन का सिरदर्द, सामान्य सिरदर्द की तुलना में अधिक तीव्रता वाला होता है, इसपर गंभीरता से ध्यान देने की भी आवश्यकता होती है क्योंकि कुछ स्थितियों में ये साइकोसोमेटिक डिसऑर्डर के कारण होने वाली समस्या भी हो सकती है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि अगर आपको लंबे समय से माइग्रेन की समस्या बनी हुई है, तो इसपर गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए। माइग्रेन पर ध्यान न देना हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिमों को बढ़ाने वाली हो सकती है। यही कारण है कि समय रहते इस समस्या का निदान और उपचार किया जाना चाहिए। आइए माइग्रेन के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जानते हैं।
माइग्रेन के कारण होने वाली दिक्कतें
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, दुनियाभर में, स्ट्रोक मृत्यु का दूसरा सबसे आम कारण है। भारत में सालाना 1.85 लाख से अधिक लोग स्ट्रोक के शिकार होते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि माइग्रेन से पीड़ित लोगों में स्ट्रोक होने का खतरा अधिक हो सकता है। माइग्रेन और इस्केमिक स्ट्रोक के बीच संबंधों को लेकर कई अध्ययनों में भी स्पष्ट किया गया है, क्योंकि ये दोनों रक्त वाहिकाओं की आपूर्ति से संबंधित समस्याएं हैं।
अध्ययन से पता चलता है कि माइग्रेन से मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन, स्ट्रोक और हृदय मृत्यु का खतरा भी बढ़ सकता है।
हृदय रोग और स्ट्रोक का बढ़ सकता है जोखिम
एक अन्य अध्ययन से पता चलता है कि जो लोग माइग्रेन से पीड़ित हैं, उनमें हृदय संबंधी समस्याओं जैसे दिल का दौरा या हृदय गति से संबंधित विकारों जैसे एट्रियल फाइब्रिलेशन का खतरा दो गुना अधिक हो सकता है। जर्नल ऑफ न्यूरॉलजी में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं की टीम ने बताया कि माइग्रेन का अगर समय रहते उपचार न किया जाए तो इसके कारण इस्केमिक स्ट्रोक हो सकता है जो जानलेवा दुष्प्रभावों वाला माना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, ऐसे लोग जो पहले से माइग्रेन की समस्या से परेशान हैं उन्हें उपचार के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जरूर मिलना चाहिए
माइग्रेन और इसके जोखिम
शोधकर्ताओं ने बताया कि माइग्रेन वाले किसी व्यक्ति के जीवनकाल में इस्केमिक स्ट्रोक होने का जोखिम लगभग दोगुना हो जाता है। इसके अलावा क्रोनिक माइग्रेन कुछ लोगों के जीवन की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकती है। इसके अलावा जिन लोगों को अक्सर माइग्रेन की दिक्कत होती रहती है उनमें मानसिक स्वास्थ्य या नींद की समस्या का खतरा भी काफी बढ़ जाता है।
माइग्रेन को ट्रिगर होने से बचें
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, माइग्रेन का सिरदर्द कुछ स्थितियों में गंभीर और दीर्घकालिक तौर पर मस्तिष्क क्षति के खतरे बढ़ाने वाला हो सकता है। कुछ स्थितियों में इसके कारण कार्डियोवस्कुलर समस्याओं का भी जोखिम रहता है। आप माइग्रेन को प्रबंधित करने के लिए कुछ उपायों को अपनाकर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
यदि आपको सिरदर्द होता है तो इसको ट्रिगर करने वाली समस्याओं के बारे में जानें और उससे बचाव के लिए उपाय करते रहें।
स्वस्थ आहार का सेवन करें और किसी समय भोजन न छोड़ें।
कैफीन की अधिकता कुछ लोगों में माइग्रेन का खतरा बढ़ा सकती है, ऐसे में इससे बचाव के लिए जरूरी है कि आप चाय-कॉफी जैसी चीजों का सेवन कम से कम करें।