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नगवाईं अस्पताल के चिकित्सक अवकाश पर,अकेले बीएमओ को संभालनी पड़ रही ओपीडी

हिमाचल अपडेट,चिकित्‍सकों के डेप्‍यूटेशन रद्द करने के फरमान आम लोगों के गले की फांस बनने लगे हैं। डाक्‍टरों की कमी की मार झेल रहे सरकारी अस्‍पतालों में पहले से स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं हाशिये पर थी, रही सही कसर अब सरकार के ऐसे बेतुके फरमानों ने पूरी कर दी है। लिहाजा जो स्‍वास्‍थ्‍य संस्‍थान एक या दो चिकित्‍सक के सहारे चल रहे हैं, वहां एक के आवकाश पर चले जाने या बिमार होने की सूरत में अस्‍पतालों में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं चरमराने लगी हैं। जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। आपातकालीन सेवाएं और रात्रि सेवा अस्पताल में उपलब्ध नहीं हो पा रही है। जिस कारण मरीजों को भारी परेशानी है।
उधर भाजपा नेता और मंडी संसदीय क्षेत्र में लोकसभा उपचुनावों में प्रत्‍याशी रहे बिग्रेडियर खुशाल ठाकुर ने यह आरोप लगाते हुए प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्‍होंने कहा कि नगवाईं सिविल अस्‍पताल इसका जीता जागता उदाहरण है। हादसों के लिए संवेदनशील कीरतपुर-मनाली एनएच पर मंडी से नगवाईं तक यह अस्‍पताल सबसे अहम है। आपात काल में यह अस्‍पताल कई जिंदगियां बचा सकता है, लेकिन अफसोस इस अस्‍पताल में छह में से महज दो चिकित्‍सक ही हैं। आजकल दोनों चिकित्सकों के अवकाश के चलते, लिहाजा बीएमओ को ही ओपीडी देखनी पड रही है। वहीं रात्रि सेवा व अमरजंसी पूरी तरह ठप्प हो गई है। ऐसे में रोगियों को इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। बता दें कि रोजाना इस अस्‍पताल में डेढ़ सौ से दौ सौ के करीब ओपीडी होती है। उन्‍होंने सरकार से नगवाईं अस्‍पताल में चिकित्‍सकों के रिक्‍त पदों को भरने की जल्द मांग की है |कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर स्थित नगवाईं अस्‍पताल बेहद अहम है। फोरलेन पर हादसों के बाद अपात स्थिति में घायलों को इसी अस्पताल में लाया जाता है। हाईवे पर स्थित 50 बेड का यह अस्पताल सफेद हाथी बन गया है। अलावा अस्पताल में स्‍नौर घाटी, कुल्लू जिला की बंजार, बालीचौकी के क्षेत्र के मरीज भी आते हैं।

अस्‍पताल में काफी भीड़ है। यहां छह में से दो चिकित्‍सकों के पद भरे हुए हैं। दोनों डाक्‍टर अवकाश पर हैं। मैं खुद भी ओपीड़ी ले रहा हूं। स्थिति से आला अफसरों को अवगत करवा दिया है – डा कर्णजीत सिंह, बीएमओ नगवाईं

Kullu Update
Author: Kullu Update

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