कुल्लू अपडेट , संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर हिमाचल किसान सभा पूरे राज्य में केन्द्र की भाजपा सरकार की किसान मजदूर व आम जनता विरोधी नीतियों के खिलाफ अभियान कर रही है। किसान सभा के राज्य महासचिव होतम सिंह सौंखला ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार को सता में 10 वर्ष हो रहे हैं लेकिन किसानों मजदूरों वेरोजगारों व आम जनता से किये वायदे मोदी सरकार के हवा हवाई हुए हैं। किसानों से सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मुल्य स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर लागू करना, किसानों की आय दोगुनी करना, किसानों का कर्जा माफ करना आदि, वेरोजगार नौजवानों को हर वर्ष दो करोड रोजगार देना, मजदूरों की दिहाडी मंहगाई सूचकांक के आधार पर तय करना, मनरेगा मजदूरों को 200 दिनों का काम व दिहाडी सरकार के न्यूनतम वेतन के बराबर देना, आम जनता से मंहगाई को कम करना, अच्छे दिन लाना इत्यादि वायदे किए गए थे। किसान आन्दोलन के दौरान सरकार ने किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए समझौता किया था जो पूरा नहीं किया। मजदूरों के 44 श्रम कानूनों को समाप्त करके मजदूरों के अधिकारों पर हमले किए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा और टेड यूनियनों ने 16 फरवरी को हडताल करने का फैसला लिया है। किसानों ने ग्रामीण भारत बन्द का ऐलान किया है। 16 फरवरी को प्रदेश में कई जगहों पर प्रदर्शन किए जाऐंगे। किसान सभा के जिला अध्यक्ष गोविन्द भण्डारी ने कहा कि इस अभियान के दौरान गांव-गांव में केन्द्र सरकार के अन्तरिम बजट की प्रतियां भी जलाई जा रही हैं। क्योंकि इस बजट में किसानों को किसी भी तरह की राहत नहीं दी है। यह किसान मजदूर और आम जनता बिरोधी बजट है। इस बजट में बड़े औद्योगिक घरानों को ही फायदा दिया गया है। किसानों मजदूरों व आम जनता के आन्दोलन देश में बड़े पैमाने पर हो रहे हैं। जनता की एकता को तोडने के लिए केन्द्र की भाजपा सरकार धर्म, जात का सहारा ले रही है। 16 फरवरी को जिला में 4 जगह पर किसान मजदूरों के प्रदर्शन होंगे।