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हल्के लक्षणों वाले संक्रमण से भी हो जाइए सावधान, कई लोगों में देखी गयी ये स्वास्थ्य समस्या

लाइफस्टाइल (हेल्थ एंड फिटनेस ) दुनियाभर में कोरोना संक्रमण का खतरा पिछले चार साल से अधिक समय से जारी है। अब तक 70.28 करोड़ से अधिक लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं, 69.80 लाख लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी है। वर्ल्डोमीटर द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 67.37 लोग संक्रमित होने के बाद ठीक भी हो चुके हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों में भी कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम देखा जा रहा है, लॉन्ग कोविड की समस्या कई लोगों में एक साल तक भी बनी हुई देखी गई है। हालिया अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया, कोरोना से ठीक हो चुके लोगों में कई प्रकार के स्वास्थ्य जोखिम देखे जा रहे हैं, यहां तक कि जिन लोगों में संक्रमण के दौरान हल्के लक्षण भी थे, उनमें भी कई प्रकार की दिक्कतें बनी हुई हैं। अस्पतालों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग आ रहे हैं जो संक्रमण से तो ठीक हो चुके हैं पर उनमें स्वास्थ्य समस्याएं अब भी बनी हुई हैं

कोरोना के दीर्घकालिक दुष्प्रभाव :- कोरोना के दीर्घकालिक दुष्प्रभावों को जानने के लिए किए गए शोध में विशेषज्ञों ने बताया, कोविड-19 के हल्के लक्षण वाले लोगों को भी लंबे समय तक सोने में परेशानी बनी हुई देखी जा रही है। संक्रमण के शिकार रहे अधिकतर लोग अनिद्रा या नींद से संबंधित कई अन्य प्रकार की समस्याओं के शिकार पाए जा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पहले के अध्ययनों में भी इस बात को लेकर अलर्ट किया जाता रहा था कि कोविड-19 के कारण नींद विकारों की समस्या हो सकती है, पर ये मामले गंभीर लक्षण वाले उन रोगियों में अधिक थे जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता थी। हालांकि इस शोध में कहा गया है कि हल्के स्तर के संक्रमण के शिकार रहे लोगों में भी नींद की समस्याएं हो सकती हैं।

अधिकतर लोगों में नींद की समस्या :- शोधकर्ताओं ने बताया, अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों को पहले से अवसाद या स्ट्रेस की समस्या थी, उनमें अनिद्रा विकसित होने का जोखिम अधिक देखा गया है। पहले से क्रोनिक बीमारियों जैसे- डायबिटीज, हार्ट या मेटाबॉलिज्म की समस्या वाले लोगों में भी इस तरह का खतरा देखा जा रहा है। विशेषज्ञ कहते हैं, कोविड-19 से ठीक हो चुके लोगों में अनिद्रा की समस्या अगर लंबे समय तक बनी रहती है तो इसका सेहत पर और भी कई प्रकार से असर हो सकता है। नींद विकारों की समस्या को हृदय रोगों, ब्लड प्रेशर और मानसिक स्वास्थ्य विकारों को भी बढ़ाने वाला पाया गया है।

क्या है अध्ययन का निष्कर्ष :- अध्ययन के निष्कर्ष में वैज्ञानिकों ने कहा, हम महामारी की शुरुआत से ही कई प्रकार की पोस्ट कोविड समस्याओं को देख रहे हैं। अब तक माना जाता रहा था कि लॉन्ग कोविड का खतरा उन लोगों में अधिक होता है जिनमें गंभीर लक्षण रहे हों, पर इस शोध में हल्के स्तर के संक्रमण के शिकार लोगों में भी कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं बनी हुई देखी जा रही है। अगर आप भी कोरोना के शिकार रहे हैं तो इसके दुष्प्रभावों के बारे में जानना और समय रहते उसका उपचार प्राप्त करना आवश्यक हो जाता है।

Kullu Update
Author: Kullu Update

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