कुल्लू अपडेट , घाटी के रैला के आराध्य देव लक्ष्मी नारायण के निर्माणाधीन मंदिर की छत का कार्य देव विधि से शुरू किया गया। मेला मैदान सैंज के एक छोर पर इस मंदिर का निर्माण कार्य अंतिम पड़ाव में पहुंच गया है। रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह की उपस्थिति में मंगलवार को देवता लक्ष्मी नारायण के कारकूनों ने मंदिर की छत लगाने के लिए देव परंपराओं का निर्वहन किया। कंकरीट और देवदार की लकड़ी में अनोखी काश्तकारी से बन रहे इस मंदिर से सैंज घाटी के लोगों की गहरी आस्था जुड़ी है। भव्य मंदिर का सपना साकार होता देख घाटी के देव समाज में उत्साह का माहौल है। देवता के कारकून दुर्गा धामी ने कहा कि मंदिर को लोक निर्माण विभाग तैयार कर रहा है। निर्माण कार्य के दौरान देव नियमों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। ढाई मंजिला मंदिर की छत लगाई जा रही है। सभी कारकूनों ने सैंज में एकत्रित होकर पूजा-पाठ के बाद देव परंपरा का निर्वहन किया। महेश्वर ने कहा कि कुल्लू की देवभूमि में देवताओं का विशेष स्थान है। रैला के आराध्य देव लक्ष्मी नारायण का इतिहास आदिकाल से जुड़ा है। देवता का यह मंदिर कुल्लू के लोगों का देवताओं के प्रति गहरी आस्था का प्रतीक है। यह मंदिर पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के सपनों में भी शुमार था। इस दौरान देवता के कारदार जगरनाथ, कली राम, देवता कमेटी अध्यक्ष किशन सिंह भंडारी, ज्ञान सिंह भंडारी, लुदर चंद नेगी, गुर तमेश्वर शर्मा, कर्ण ठाकुर, गूर लीलाधर पालसरा, यान सिंह नेगी, सुरेंद्र नेगी और गोविंद सिंह ठाकुर आदि उपस्थित रहे।