आस्था अपडेट ,देवी मां की विशेष कृपा पाने के लिए नवरात्रि का समय सबसे पवित्र माना गया है। मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए सभी भक्त नियमित रूप से मां देवी की पूजा अर्चना करते हैं। मान्यता है कि नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा करने से आपकी मनोकामनाएं पूरी हो सकती है। इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 09 अप्रैल 2024 से हो चुकी है। इस दौरान मां देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है।
दरअसल, भगवान स्कंद (कार्तिकेय) की माता होने के कारण देवी के इस पांचवें स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है। पुराणों में इन्हें कुमार और शक्तिधर कहकर इनकी महिमा का वर्णन किया गया है। मान्यता है कि संतान की कामना करने वालों को मां के इस स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। इसी कड़ी में आइए जानते है कि नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा कैसे करनी है।
स्कंदमाता का स्वरूप
स्कंदमाता का रूप मन को मोह लेने वाला है। उनकी चार भुजाएं हैं, जिसमें देवी ऊपर वाली दांयी भुजा में बाल कार्तिकेय को गोद में उठाए हुए हैं। इसके अलावा नीचे वाली दांयी भुजा में कमल पुष्प है। स्कंदमाता की पूजा करने से व्यक्ति को मनचाहा फल प्राप्त हो सकता है और इनका वाहन सिंह है।
पूजा विधि
नवरात्रि की पूजा के लिए कुछ खास नियमों का पालन किया जाता है। इस दौरान देवी मां का श्रृंगार करने के लिए खूबसूरत रंगों का प्रयोग करना शुभ होता है। देवी की पूजा में कुमकुम, अक्षत, पुष्प, फल आदि जरूर शामिल करें। मां देवी की पूजा के दौरान सर्वप्रथम उन्हें चंदन जरूर लगाएं। इसके बाद माता के सामने घी का दीपक जलाकर आरती करें। देवी मां को केले का भोग लगाना ना भूले।