आस्था अपडेट हिंदू धर्म में पूजा पाठ का विशेष महत्व है। सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित होता है। इसलिए प्रत्येक दिन सुबह शाम घरों में पूजा की जाती है। किसी भी देवता की पूजा करने से परिवार में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही जीवन में शुभता का आगमन भी होता है। ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सभी भक्तजन विधि अनुसार पूजा पाठ करते हैं। हालांकि, आपकी पूजा का पुण्य फल तभी प्राप्त होगा, जब आप सही समय और नियम से पूजा करेंगे।आमतौर पर कुछ लोग किसी भी समय पूजा कर लेते हैं। जिस कारण देवी-देवता नाराज हो जाते हैं और परिवार में परेशानियां आने लगती है। शास्त्रों में पूजा-पाठ से जुड़े कई नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है। इसी कड़ी में हम आपको पूजा से जुड़ें कुछ नियमों के बारे में बताने वाले हैं, जिनका पालन करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।सही समय पर करें पूजाधार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूजा को सही समय पर ही करना चाहिए। ऐसा करने से पूजा सफल मानी जाती है। वहीं प्रतिदिन 5 बार पूजा करनी चाहिए। जिसमें से पहली पूजा ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:30 से 5:00 बजे तक, दूसरी पूजा सुबह 09 बजे तक, वहीं मध्याह्न पूजा दोपहर 12 बजे तक, संध्या पूजा शाम 04:30 से 6:00 बजे तक और शयन पूजा रात 9:00 बजे तक कर सकते हैं।इस समय न करें पूजाशास्त्रों के अनुसार व्यक्ति को कभी भी दोपहर के समय पूजा नहीं करनी चाहिए। याद रखें कि दोपहर 12 बजे से लेकर 3 बजे तक पूजा न करें। इस समय पर पूजा करने से फल प्राप्त नहीं होता है।पूजा करने की सही विधि जानेंपूजा के समय हमेशा अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें। ऐसी मान्यता है कि पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख रखकर पूजा करने से घर में खुशियां बनी रहती है। बरकत होती है। इस दौरान अपने दाहिने ओर घंटी, धूप, दीप, अगरबत्ती व पूजा सामग्री को रखें। इस बात का ध्यान रखें कि, बिना सिर ढके पूजा नहीं करनी चाहिए।