आस्था ,कल 24 अप्रैल दिन बुधवार से वैशाख का पवित्र महीना शुरू हो गया है। जो कि 23 मई तक चलेगा। स्कंद पुराण में लिखा गया है कि वैशाख मास के समान कोई मास नहीं है। वैशाख के महीने को ब्रह्मा जी ने सभी मासों में से उत्तम सिद्ध किया है। वहीं इस माह में स्नान-दान का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इस महीने में किया गया दान हजारों दान के बराबर लौटकर आता है। ऐसे में जानते हैं उन वस्तुओं के बारे में, जिनको इस माह में दान करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
तिल- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वैशाख के महीने में तिल का दान करना सबसे शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस महीने तिल या फिर तिल से बनी वस्तुओं का दान करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इतना ही नहीं वैशाख के महीने में सूर्यदेव और भगवान विष्णु की पूजा के बाद तिल जल में प्रवाहित करने से कई गुना ज्यादा लाभ मिलता है और जीवन में सुख-शांति आती है।
जौ- दूसरी वस्तु जिसके बारे में बात करने जा रहे हैं उसका नाम है जौ, धर्म शास्त्रों की मानें तो वैशाख के महीने में साबुत जौ या फिर जौ का आटा दान करना बेहद ही शुभ फलदायी माना गया है। शास्त्रों में जौ के दाने को स्वर्ण के दान के बराबर फलदायी माना गया है। जौ का प्रयोग यज्ञ में भी अनिवार्य रूप से किया जाता है इसलिए इस महीने में ब्राह्मणों को दान में जौ जरूर देना चाहिए।
गुड़- ज्योतिष शास्त्र में वैशाख माह में गुड़ का दान महादान माना जाता है। गुड़ का दान करने से आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है। जिसके कारण आपको करियर में तरक्की मिलती है। इसके साथ ही समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ता है इसलिए आप गुड़ या फिर इससे बनी चीजों का दान अवश्य करें।
सत्तू- गुड़ के अलावा वैशाख के पवित्र महीने में सत्तू का दान करना भी बेहद लाभकारी माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, सत्तू का संबंध ग्रहों के राजा सूर्य और गुरुदेव बृहस्पति से है इसलिए इस माह सत्तू का दान देने से कुंडली में इन दोनों ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है इसलिए अपनी श्रद्धा के अनुसार सत्तू का दान देना चाहिए।
जल- तो वहीं मान्यता है कि किसी को पानी पिलाना किसी पुण्य से कम नहीं वैशाख माह में जल दान करने से अक्षय पुण्यों की प्राप्ति होती है। इस महीने में गर्मी बढ़ जाती है इसलिए ठंडी वस्तुओं को दान करना जरूरी बताया गया है। आप इस माह में जल से भरा घड़ा दान करें।