कुल्लू अपडेट ,मणिकर्ण घाटी की सराहन बीट के सराहन जंगल में अब बाहरी और नेपाल मूल के निवासी किसी तरह की अवैध गतिविधि नहीं कर पाएंगे। ग्राम सुधार सभा धारला शरानी बेहड़ और वन अधिकार समिति हुरन वार्ड ने सराहन जंगल में बाहरी और नेपाल मूल के लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई है। नेपाल मूल के लोगों ने जंगल में बाड़बंदी कर बड़े-बड़े खेत तैयार किए हैं। खोदाई के बाद यहां पर भांग बिजाई की तैयारी थी। चरस बिजाई की तैयारी थी। घाटी की अधिष्ठात्री माता रूपासना और सनक ऋषि के इन जगहों में आने जाने के रास्ते हैं। इन्हें भी बाड़बंदी करके बंद किया गया है। ऐसे में तीन गांव हुरन, धारला शरानी, बेहड़ के बाशिंदों ने निर्णय लिया कि बाहरी लोगों को इस जंगल में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। नेपाल मूल के लोग जंगल को नुकसान पहुंचाने के साथ ही अवैध गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। ग्राम सुधार सभा ने कहा कि अगर कोई भी नेपाली या बाहरी व्यक्ति किसी की भी जमीन में रह रहा है तो वह अपनी पहचान के लिए आईडी प्रूफ ग्राम सुधार सभा शरानी बेहड़ के पास जमा करवाएगा।