आस्था अपडेट ,भगवान श्रीकृष्ण को श्री हरि विष्णु का अवतार माना जाता है. श्रीकृष्ण के मनमोहक बाल स्वरूप की पूजा का खास महत्व है, इसलिए लोग अपने घरों में श्रीकृष्ण के बाल रूप को स्थापित कर उनकी पूजा करते हैं. लड्डू गोपाल यानी बाल गोपाल की पूजा और भोग से जुड़े कई अहम नियम भी हैं. चूंकि ये भगवान का बाल रूप है, इन्हें भोग भी उसी तरह लगाए जाते हैं. लड्डू गोपाल को हर दिन स्नान कराना और साफ-सुथरे वस्त्र पहनाना जरूरी होता है, साथ ही दिन में चार बार भोग लगाने का नियम है. आइए जानते हैं कि धार्मिक मान्यताओं के आधार पर लड्डू गोपाल के भोग से जुड़े अहम नियम क्या हैं.
लड्डू गोपाल के भोग के नियम :- लड्डू गोपाल का भोग बनाते वक्त इस बात का ध्यान दें कि वह पूरी तरह सात्विक होना चाहिए और इसे बनाते समय शुद्धता का ध्यान रखा जाए. लड्डू गोपाल को दिन में चार बार अलग-अलग तरह का भोग लगाना चाहिए.
पहला भोग :- सबसे पहला भोग सुबह 6 से 7 के बीच लगाना चाहिए. इस भोग में आप दूध का इस्तेमाल करें. सबसे पहले घंटी बजा कर लड्डू गोपाल को उठाएं और फिर उन्हें दूध चढ़ाएं.
दूसरा भोग :- दूसरी बार भोग लगाने से पहले लड्डू गोपाल को स्नान कराएं और फिर साफ-सुथरे वस्त्र पहनाएं, साथ ही उनका श्रृंगार करें. अब उन्हें लड्डू या माखन मिश्री का भोग लगाएं.
तीसरा भोग :- भगवान को तीसरा भोग दोपहर के समय लगाएं. उन्हें इस भोग में अनाज का भोग लगाएं. मीठी रोटी या पुरी या भी प्रसाद वाले चावल बनाकर उन्हें अर्पित करें.
चौथा भोग :- शाम को 7 से 8 बजे के बीच चौथी बार लड्डू गोपाल को भोग लगाएं. इस भोग में उन्हें दूध जरूर चढ़ाएं. चौथे भोग के बाद उन्हें विश्राम करने दें.