लाइफस्टाइल (हेल्थ एंड फिटनेस ), अगर आप भी हाइपरटेंशन बीमारी के शिकार हैं, तो आज ही अपना चेकअप करवा लें, क्योंकि यह गंभीर बीमारी आपके लिए खतरे की घंटी हो सकती है. अक्सर देखा जाता है कि जब भी हम किसी बीमारी को लेकर डॉक्टर के पास जाते हैं, तो सबसे पहले हमारा ब्लड प्रेशर चेक किया जाता है. वर्तमान समय में लगभग हर आयु वर्ग से लोगों में हाइपरटेंशन (हाई ब्लड प्रेशर) की समस्या देखने को मिल रही है. कई लोग इस समस्या को बड़े ही सामान्य तौर पर लेते हैं. शायद उन्हें अंदाजा भी नहीं है कि यह कितनी खतरनाक बीमारी हो सकती है. हाइपरटेंशन ‘साइलेंट किलर’ है, जो व्यक्ति के शरीर को अंदर ही अंदर काफी नुकसान पहुंचा सकता है.
देशभर से हाइपरटेंशन के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, इसके चलते कई सारी योजनाएं बनाई जा रही है. इससे आने वाले समय में लोग आसानी से हाइपरटेंशन का इलाज करवा सकेंगे. हाइपरटेंशन का इलाज काफी कम खर्च में किया जा सकता है. एक आंकड़े के मुताबिक भारत में लगभग 22 करोड़ वयस्कों को उच्च रक्तचाप है. वहीं, युवाओं में हाई बीपी की बढ़ती प्रवृत्ति देखने को मिल रही है.
आज के समय में युवाओं में हाइपरटेंशन की बीमारी ज्यादा देखी जा रही है. इसका सबसे बड़ा कारण धूम्रपान, तंबाकू का सेवन, खाने में अधिक नमक का सेवन, शारीरिक गतिविधि की कमी, अधिक वजन, तला आहार, फल और सब्जियों का कम सेवन और तनाव जैसे कई मुख्य कारण हैं, इसके चलते हाइपरटेंशन की बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है. इसके बचाव के लिए हमें अपने भोजन में हरी सब्जियां और स्वच्छ फल, धूम्रपान-तंबाकू का सेवन ना करना, अपनी जीवन शैली में व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों को शामिल करना जरूरी है. इस सबसे हाइपरटेंशन से बचा जा सकता है.” उन्होंने कहा कि हाइपरटेंशन की समस्या 18 साल से कम आयु के बच्चों में भी देखने को मिल रही है. इसके लिए बच्चों के उम्र और वजन बहुत मायने रखते हैं.
17 से 25 मई तक हाइपरटेंशन सप्ताह मनाया जा रहा हैं. इसमें मरीजों को इस गंभीर बीमारी के बारे में जागरूक कर रहे हैं.” इस भागदौड़ भरे जीवन में 30 साल से ऊपर के हर व्यक्ति को अपना ब्लड प्रेशर चेक करना चाहिए, ताकि पता चल सके कि आपके शरीर की क्या स्थिति है. भारत सरकार के गाइडलाइन में भी 30 के बाद बीपी चेक करने की सलाह जारी की गई है.
“अस्पताल में हाई बीपी के कई ऐसे मरीज आते हैं, जिन्हें तुरंत उपचार की जरूरत होती है. अगर हम पहले ही समय से अपना बीपी जांच लें तो इससे होने वाले गंभीर परिणामों से भी बचा जा सकता है. हम इसके लिए स्कूली स्तर पर भी काम कर रहे हैं.