आस्था अपडेट ,हिंदू कैलेंडर में सावन का महीना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। सावन के महीने को बहुत ही शुभ और पवित्र माना जाता है। सावन का पूरा महीना भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है और इस पूरे माह विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में पूरी सृष्टि की कमान भोलेनाथ के हाथ में होती है क्योंकि सृष्टि के पालक भगवान विष्णु चार महीनों के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। सावन के महीने में देशभर में कांवड़ की यात्राएं निकाली जाती हैं। आइए जानते हैं इस साल कब से सावन का महीना शुरू हो रहा है।
सावन कब से शुरू :- वैदिक पंचांग के अनुसार श्रावण का महीना इस साल 22 जुलाई से आरंभ हो रहा है और इसका समापन 19 अगस्त को होगा। इस बार सावन के पहले सोमवार से ही सावन महीने की शुरुआत हो रही है। प्रीति योग में सावन का महीना शुरू होगा। प्रीति योग में पूजा-पाठ करने से सभी तरह के शुभ योगों की प्राप्ति होती है।
सावन सोमवार की तिथियां :- सावन माह में आने वाले सोमवार का विशेष महत्व होता है। इस बार सावन में पांच सोमवार पड़ेंगे। 22 जुलाई को सावन का पहला सोमवार हैं, फिर 29 जुलाई को सावन का दूसरा, 5 अगस्त को सावन का तीसरा, 12 अगस्त को सावन का चौथा और 19 अगस्त को सावन का आखिरी सावन सोमवार होगा। इस वर्ष सावन महीने की शुरुआत और समाप्ति दोनों ही सोमवार से हो रही है।
सावन माह का महत्व :- हिंदू धर्म में सावन का महीना बहुत ही खास होता है। ज्योतिष और धार्मिक द्दष्टि से सावन का महीना बहुत ही फलदायी माना जाता है। सावन माह में भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष रूप से पूजा अर्चना की जाती है। सावन के महीने में पड़ने वाला सभी सोमवार का विशेष महत्व होता है। इस माह में भगवान शिव की पूजा करने पर जीवन में सुख-संपन्नता आती है। इसके अलावा ऐसी मान्यता है कि देवी पार्वती ने भगवान शिव को पतिरूप में पाने के लिए कठोर व्रत, उपवास करके भगवान शिव को श्रावण माह में ही दोबारा से पाया। श्री विष्णु, ब्रह्मा, इंद्र, शिवगण आदि सभी श्रावण में पृथ्वी पर ही वास करते हैं और सभी अलग-अलग रूपों में अनेकों प्रकार से शिव आराधना करते हैं। श्रावण मास में ज्योतिर्लिंगों का दर्शन एवं जलाभिषेक करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है।
सावन शिवरात्रि 2024 :- हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। ऐसे में सावन माह में पड़ने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इस बार सावन माह में शिवरात्रि 02 अगस्त को पड़ रही है।
सावन माह में कांवड़ यात्रा :- सावन के महीने में कांवड़ यात्राएं निकाली जाती है। सावन में हर जगह कांवड़ियों की लम्बी कतारें बम बम भोले के जयकारे लगाते हुए दिखतीं है। हर साल श्रावण मास में लाखों की तादाद में कांवडिये सुदूर स्थानों से आकर गंगाजल से भरी कांवड़ लेकर पदयात्रा करके अपने गांव वापस लौटते हैं इस यात्रा को कांवड़ यात्रा बोला जाता है। श्रावण की चतुर्दशी के दिन उस गंगा जल से अपने निवास के आसपास शिव मंदिरों में शिव का अभिषेक किया जाता है।
सावन मंगला गौरी व्रत :- श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित है और सावन का मंगलवार देवी पार्वती की पूजा के लिए श्रेष्ठ माना गया है। सावन के मंगलवार को मंगला गौरी यानी माता पार्वती की पूजा का विधान है। मंगला गौरी व्रत विशेष रूप से महिलाएं रखती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी पार्वती ने इसी व्रत का पालन कर भगवान शिव को प्रसन्न किया था और उन्हें पति के रूप में प्राप्त किया था। इसलिए माना जाता है कि मंगला गौरी व्रत रखने से वैवाहिक जीवन में सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है।