आस्था अपडेट ,सप्ताह के शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है। इस दिन उनकी पूजा करने से समस्त परेशानियों का निवारण होता है। ज्योतिष में शनिदेव को न्यायाधीश का स्थान प्राप्त है। वह व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते हैं। कहा जाता है कि जातक की कुंडली में शनि की स्थिति बेहद खास होती है। यदि वह मजबूत में होते हैं, तो व्यक्ति को कार्यक्षेत्र में खूब तरक्की मिलती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी शनि की चाल बदलती है, तो इसका प्रभाव जीवन पर पड़ता है।
शनि को सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है। उनकी गति धीमी होने के कारण उनका प्रभाव व्यक्ति पर लंबे समय तक रहता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शनिदेव मकर और कुंभ राशि के स्वामी है। इन लोगों पर हमेशा उनकी कृपा बनी रहती है, और जिन जातकों पर शनि की कृपा होती है, महाराज उसके सभी कष्टों को दूर कर लेते हैं। ऐसे में अगर आप भी शनिदेव महाराज की कृपा पाना चाहते हैं, तो शनिवार के दिन शनि चालीसा का पाठ करें। इसे बहुत ही कारगर उपाय माना गया है। ये एक उपाय आपके जीवन में सुख- समृद्धि ला सकता है। ऐसे में आइए इससे मिलने वाले लाभ के बारे में भी जान लेते हैं।
शनि चालीसा के फायदे :- शनि चालीसा को बेहद शक्तिशाली माना जाता है। शनिवार के दिन इसका पाठ करने से जीवन में सकारात्मकता का स्तर बढ़ता है। मान्यता है कि नियमित रूप से शनि चालीसा का पाठ करने पर बड़े से बड़ी परेशानियों का हल होने लगता है। साथ ही शनिदेव की कृपा बनी रहती है। कृपा होने की वजह से तरक्की के योग बनते हैं। बता दें शनि चालीसा का पाठ करने से साढ़े साती का प्रभाव कम होता है। लेकिन पाठ से पहले एक सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद ही पाठ करें। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं।