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रघुनाथ जी के मंदिर में भगवान शालिग्राम जी की तुलसी प्रतिष्ठा

कुल्लू अपडेट , भगवान रघुनाथ जी के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह समय समय पर अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल फेसबुक के माध्यम से जनता के समक्ष विभिन्न जानकारियां देते रहते है । हाल ही में उन्होने एक पोस्ट शेयर की है जिसमें उन्होने बताया है की भगवान विष्णु का पाषाणरूप हैं शालिग्राम! आज भगवान शालिग्राम जी की तुलसी प्रतिष्ठा में भगवान रघुनाथ जी के प्रथम सेवक एवं छड़ीबरदार के रूप में सम्मिलित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ! जहां शालग्राम शिला रहती है वहां भगवान श्रीहरि व लक्ष्मीजी के साथ सभी तीर्थ निवास करते हैं, हिमालय पर्वत के मध्यभाग में शालग्राम-पर्वत (मुक्तिनाथ) है, यहां भगवान विष्णु के गण्डस्थल से गण्डकी नदी निकलती है, वहां से निकलने वाले पत्थर को शालग्राम कहते हैं! वहां रहने वाले कीड़े अपने तीखे दांतों से शिला को काट-काट कर उसमें चक्र, वनमाला, गाय के खुर आदि का चिह्न बना देते हैं । भगवान विष्णु सर्वव्यापक होने पर भी शालग्राम शिला में साक्षात रूप से रहते हैं जैसे काठ में अग्नि गुप्त रूप से रहती है; इसीलिए इनकी प्राण-प्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं होती है और पूजा में भी आवाहन और विसर्जन नहीं किया जाता है! शालग्राम शिला में भगवान की उपस्थिति का सबसे सुन्दर उदाहरण वृन्दावनधाम में श्रीराधारमणजी हैं जो शालग्राम शिला से ही प्रकट हुए हैं! भगवान रघुनाथ अपनी कृपा सभी पर बनाए रखें यही प्रार्थना करता हूँ!

Kullu Update
Author: Kullu Update

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