आस्था अपडेट ,देवों के देव महादेव की पूजा के लिए सावन माह को बेहद शुभ माना जाता है। जल्द ही इसकी शुरुआत होने वाली है। इस माह में आने वाले सभी सोमवार को भोलेनाथ की पूजा का विधान है। इसके अलावा व्रत रखने की भी परंपरा सदियों से चली आ रही है। मान्यता है कि इस उपवास को रखने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही तरक्की के भी योग बनते हैं। इस दौरान महादेव और देवी पार्वती की एक साथ पूजा करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है। वहीं सावन माह में चातुर्मास होने के कारण इस माह की महत्ता अधिक बढ़ जाती है। बता दें चातुर्मास में पूरी सृष्टि का संचालन शंकर जी के हाथों में होता है। ऐसे में पूजा पाठ व अन्य शुभ कार्य को करने से भोलेनाथ का आशीर्वाद उसमें बना रहता है। इस दौरान सावन सोमवार व्रत को रखना बेहद लाभदायक होता है। इसे रखने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। इस साल ये व्रत 22 जुलाई 2024 को रखा जा रहा है। इसी दिन से ही सावन माह की भी शुरुआत होगी। इस दौरान प्रीति योग, आयुष्मान योग और स्वार्थ सिद्ध योग बना रहेगा। कहा जाता है कि इस योग में शिव की पूजा और व्रत रखने से संपूर्ण फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में उपवास को हमेशा नियमानुसार खोलना चाहिए। इसी कड़ी में आइए व्रत खोलने की विधि के बारे में जान लेते हैं।
सावन सोमवार की तारीख 2024
पहला सोमवार – 22 जुलाई
दूसरा सोमवार – 29 जुलाई
तीसरा सोमवार – 05 अगस्त
चौथा सोमवार – 12 अगस्त
पांचवां सोमवार – 19 अगस्त
सावन सोमवार व्रत विधि :- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन सोमवार का व्रत शाम के समय शिव पूजन के बाद ही खोलना चाहिए। इस दौरान महादेव की विधिनुसार पूजा करने का विधान है। पूजा के बाद आप उन्हें मिठाई या खीर का भोग भी लगा सकती हैं। इसके बाद आप अपना व्रत खोल सकती हैं। ऐसे में आप चाहें तो फलों का सेवन भी कर सकते है। सावन सोमवार व्रत में आप चाय और मखाने के साथ-साथ सात्विक भोजन भी कर सकते हैं। इस दौरान भोजन में आलू, दही, हलवा, मीठा आदि को शामिल किया जा सकता है।
सावन सोमवार व्रत नियम :- सावन सोमवार पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण करके महादेव की पूजा करनी चाहिए। इस दौरान शिवलिंग का जल से अभिषेक करना न भूलें। वहीं सोमवार के इस व्रत में एक ही समय भोजन करना चाहिए। इसके अलावा आप फलाहार ले सकते हैं। इस दौरान दिन में भूलकर भी नहीं सोना चाहिए। सावन सोमवार के व्रत में तामसिक चीजों का सेवन करने की मनाही होती है। इसके अलावा इस मास में असत्य बोलने, झूठे आरोप लगाने और हिंसा करने से बचना चाहिए।