कुल्लू अपडेट,ऊझी घाटी के सिमसा में देवता कार्तिकेय स्वामी जी के द्वारा एक परंपरा का निर्वहन किया गया जिसमे देवता के पुजारी मकरध्वज शर्मा ने बताया कि आज के दिन हमारा देवता रथ के रूप में पुरे गांव की परिक्रमा करता है। गांव में जाने से पहले देवता धान की खेती में बच्चों के साथ खेलते है। हमारी जो धान की जो नई खेती है उसमें बाली आएगी। बाली आने से देवता उस धान की खेती में बच्चों के साथ खेलते है। आज ही के दिन नयी फसल शुरू होती है और आज ही के दिन देवता द्वारा उसे धूपित किया जाता है। भादो की सक्रान्त को पहली बाली निकल जाती है जिसे देवता के रथ में लगाया जाता है। यह परम्परा सदियों से चली आ रही है और आज भी इस परंपरा को देवता द्वारा ज़िंदा रखा गया है और यहां के लोग भी पूरी श्रद्धा के साथ इस परंपरा को निभा रहे है।
Author: Kullu Update
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