लाइफस्टाइल (हेल्थ एंड फिटनेस ),कोरोना वायरस के बाद मंकीपॉक्स वायरस तेजी से फैल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इसे लेकर चेतावनी जारी की है। अफ्रीकी देश कांगो में मंकीपॉक्स के कई केस देखने को मिल रहे थे। हालांकि अब अफ्रीकी महाद्वीप से बाहर स्वीडन में भी मंकीपॉक्स का पहला केस मिला है।
WHO ने दी चेतावनी :- WHO ने बीते दिन ही मंकीपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया था। दो साल में पहली बार मंकीपॉक्स का सबसे खतरनाक वेरिएंट सामने आया है। यह बीमारी 13 देशों में फैल चुकी है। हालांकि मंकीपॉक्स के सबसे ज्यादा केस अफ्रीकी देशों से ही मिले हैं। वहीं अब यूरोपीय देश स्वीडन में भी यह बीमारी फैलने का डर है।
स्वीडन के स्वास्थ्य मंत्री का बयान :- स्वीडन के स्वास्थ्य मंत्री जैकॉब ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि स्वीडन में भी मंकीपॉक्स का एक केस सामने आया है। यह पिछले वेरिएंट्स से अधिक खतरनाक है। यह वायरस मंकीपॉक्स के मरीज से नजदीकियां बढ़ाने पर फैलता है। मंकीपॉक्स के लक्षण आम फ्लू की तरह होते हैं। साथ ही इससे शरीर पर चक्ते पड़ने लगते हैं।
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— BRICS News (@BRICSinfo) August 15, 2024Sweden confirms a case of monkeypox (mpox), the first reported infection of the strain outside of Africa. pic.twitter.com/awefIh5QWH
कांगो से फैला वायरस :- बता दें कि डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) में मंकीपॉक्स का पुराना वेरिएंट क्लेड आई सामने आया था। अब मंकीपॉक्स का दूसरा वेरिएंट क्लेड आईबी (Clad Ib) ज्यादा जानलेवा है। मंकीपॉक्स के मरीज के साथ रहने या यौन संबंध बनाने पर यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसफर होता है।
साल भर में 500 मौतें :- बता दें कि इस हफ्ते अफ्रीका में मंकीपॉक्स के 17 हजार केस सामने आए हैं। इस वायरस के कारण साल में 500 लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका और कनाडा में भी इसे लेकर चेतावनी जारी की गई है। WHO ने सभी देशों की सरकारों को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है

