हिमाचल अपडेट , पर्यटन नगरी डलहौजी के कथलग मार्ग पर मानवीय भूल के कारण दो वन्य जीवों को जान गंवानी पड़ी। बिजली बोर्ड के ट्रांसफार्मर के चारों तरफ यदि सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध होते तो शायद इन वन्य जीवों की जान बच सकती थी। वीरवार देर रात को जब मादा भालू अपने बच्चे के साथ कथलग मार्ग से गुजर रही थी। इस बीच, अचानक बच्चा ट्रांसफार्मर के खंभे पर चढ़ गया। खंभे पर चढ़ते ही बच्चा करंट की चपेट में आ गया। बच्चे को तड़पता देख मादा भालू भी बच्चे को बचाने के लिए ट्रांसफार्मर के खंभे पर चढ़ गई और करंट की चपेट में आ गई। इससे दोनों की मौत हो गई। शुक्रवार सुबह दोनों को मृत अवस्था में खंभे से उतारा गया। वन्य प्राणी विभाग ने नियमानुसार एक कमेटी का गठन किया। इसमें वन्य प्राणी विभाग के आरओ, वन विभाग के आरओ और कमेटी के कर्मचारियों सहित अन्य को शामिल किया। उनके समक्ष इन दोनों वन्य जीवों का पोस्टमार्टम करवाया गया। उसके बाद वीडियोग्राफी की निगरानी में दोनों को जलाया गया। कुछ दिन पहले भी डलहौजी में एक मादा भालू अपने बच्चे के साथ देवदार के पेड़ से नीचे उतरते हुए दिखाई दी थी। लोगों को क्या पता था कि जो मादा भालू उन्हें घर से जंगल में विचरण करते नजर आ रही है, वह इस प्रकार करंट की चपेट में आ जाएगी। वन्य प्राणी विभाग के डीएफओ कुलदीप जम्वाल ने बताया कि डलहौजी में एक मादा भालू और उसका बच्चा करंट की चपेट में आने से मर गए। इन दोनों वन्य जीवों को पोस्ट मार्टम करवाकर विभागीय नियमानुसार जला दिया गया।