आस्था अपडेट ,पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि पर श्री गोगा नवमी का पर्व मनाया जाता है। वाल्मीकि समाज की मान्यताओं के अनुसार, गोगा देव की पूजा सावन माह की पूर्णिमा से शुरू होती है, जो पूरे 9 दिनों तक चलती है। नवमी तिथि पर गोगा देव की पूजा होती है, इसलिए इसे गोग नवमी कहा जाता है।
गोगा नवमी पूजा का मुहूर्त :- हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि 27 अगस्त 2024 को सुबह 02 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन यानी 28 सितंबर 2024 को दोपहर 01 बजकर 33 मिनट पर होगा। ऐसे में गोगा नवमी मंगलवार, 27 अगस्त को मनाई जाएगी।
मिलते हैं ये लाभ :- श्री गोगा नवमी, राजस्थान का लोकपर्व है, जिसे स्थानीय भाषा में गुग्गा नवमी भी कहते हैं। इसके अलावा यह पर्व मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी लोकप्रिय है। गोगाजी को सांपों का देवता के रुप में पूजा जाता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि गोगादेव के पास नागों को वश में करने की शक्ति थी और जो भी साधक उनकी पूजा करता है उसे सांप के डसने का डर नहीं सताता। श्री गोगादेव को गुरु गोरखनाथ का परम शिष्य भी माना जाता है। इतना ही नहीं, यह भी माना जाता है कि गोगादेव की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है।
गोगा नवमी पूजा विधि (Goga Navami Puja vidhi)
गोगा नवमी के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि से निवृत हो जाएं। अब पूजा स्थल पर गोगा देव जी की मिट्टी से बनी मूर्ति स्थापित करें। आप चाहें, तो इस मूर्ति को खुद भी बना सकते हैं। इसके बाद गोगा देव को चावल, रोली, वस्त्र और अन्य सामग्री अर्पित करें। इसके बाद गोगा देव जी को खीर, चूरमा और गुलगुले आदि का भोग लगाएं। वहीं उसके घोड़े को मसूर की दाल का भोग लगाना चाहिए। गोगा देव की विधिवत पूजा करने के बाद अंत में गोगा जी कथा का पाठ करें और आरती करें। अब सभी लोगों में भोग वितरित करें।