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वाशिंग मशीन? सेमी, टॉप और फ्रंट लोड में क्या होता है अंतर

टेक अपडेट,फेस्टिव सीजन की वजह से ऑनलाइन और ऑफलाइन इलेक्ट्रॉनिक स्टोर्स पर भर-भर ऑफर्स दिए जा रहे हैं. ऐसे में बहुत से लोग ऐसे भी होगे जिन्हें नई वाशिंग मशीन खरीदनी होगी. लेकिन आपके लिए कौनसी वाशिंग मशीन बेहतर होगी इसके लिए उसके टाइप जानना जरूरी है. आइए समझते हैं.

सेमी-ऑटोमैटिक वाशिंग मशीन
सेमी-ऑटोमैटिक वाशिंग मशीन में दो अलग-अलग टब होते हैं एक वॉशिंग के लिए और दूसरा स्पिन ड्राई के लिए. आपको मैनुअली कपड़े धोने के बाद उन्हें स्पिन ड्राई टब में ट्रांसफर करना होता है. इसे इस्तेमाल करने के लिए मैनुअल हैंडलिंग की जरूरत होती है, जैसे पानी भरना और कपड़े ट्रांसफर करना. सेमी-ऑटोमैटिक मशीन में पानी का इस्तेमाल कंट्रोल किया जा सकता है, क्योंकि ये मैनुअली भरी जाती है.

ये बिजली की खपत में किफायती होती है, क्योंकि इसे कम समय के लिए चलाना पड़ता है. ये सस्ती होती है. और इसमें पानी की खपत कम होती है. क्योंकि इसमें कुछ काम मैनुअल होते हैं, इसलिए कपड़े धोने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है.

टॉप-लोड वाशिंग मशीन
टॉप-लोडिंग मशीन में एक ही टब होता है जो धुलाई और स्पिनिंग दोनों के लिए काम करता है. कपड़े मशीन के ऊपर से डालने होते हैं. ये पूरी तरह से ऑटोमैटिक होती है, जिसमें आपको कपड़े डालकर केवल प्रोग्राम सेट करना होता है. पानी भरने से लेकर धुलाई और ड्राई तक का प्रोसेस मशीन खुद करती है. इसमें अधिक पानी की जरूरत होती है, क्योंकि ये हर स्टेप में अपने आप पानी लेती है.

टॉप-लोड वाशिंग मशीन में बिजली की खपत सेमी-ऑटोमैटिक मशीन से अधिक होती है, लेकिन फिर भी ये कुछ मामलों में फ्रंट-लोड से कम हो सकती है. ये कपड़ों की धुलाई में कम समय लेती है और इसे मैनुअल हैंडलिंग की जरूरत नहीं होती. हालांकि इसमें पानी ज्यादा लगता है और ये थोड़ा महंगी होती है. इसके अलावा धुलाई की क्वालिटी फ्रंट-लोड से थोड़ी कम होती है.

फ्रंट-लोड वाशिंग मशीन
फ्रंट-लोड मशीन में कपड़े सामने से डाले जाते हैं. इसका टब हॉरिजॉन्टल होता है और कपड़े को घुमाकर साफ करता है. ये पूरी तरह से ऑटोमैटिक होती है और धुलाई बड़े ही अच्छे तरीके से होती है. इसमें कई एडवांस फीचर्स होते हैं, जैसे गर्म पानी से धोना और अलग-अलग तरह के कपड़ों के लिए अलग-अलग प्रोग्राम. ये मशीन कम पानी का उपयोग करती है, क्योंकि इसका वाश सिस्टम काफी बेहतर और कपड़े को पूरी तरह डूबने की जरूरत नहीं होती.

इसमें बिजली की खपत दूसरे मॉडल्स की तुलना में थोड़ी अधिक हो सकती है, खासकर अगर आप गरम पानी का उपयोग कर रहे हैं. धुलाई की क्वालिटी सबसे अच्छी होती है. पानी और डिटर्जेंट की खपत कम होती है. लेकिन ये महंगी होती है. कपड़े धुलने में थोड़ा अधिक समय लग सकता है. इसकी मेंटेनेंस और रिपेयरिंग कॉस्ट ज्यादा हो सकती है.

कुलमिलाकर अगर आपका बजट कम है और आप मैनुअल प्रोसेस से परहेज नहीं करते, तो सेमी-ऑटोमैटिक आपके लिए बेहतर है. अगर आप कम समय और कम मेहनत चाहते हैं, तो टॉप-लोड फुली ऑटोमैटिक एक अच्छा ऑप्शन है. वहीं अगर आप बेहतरीन वाश क्वालिटी और पानी-बिजली की बचत चाहते हैं और आपका बजट ज्यादा है, तो फ्रंट-लोड फुली ऑटोमैटिक सबसे बेहतर होगी.

Kullu Update
Author: Kullu Update

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