कुल्लू अपडेट,हिमाचल प्रदेश सरकार के भाषा एवं संस्कृति विभाग कुल्लू द्वारा स्वर्गीय लाल चंद प्रार्थी की जयंती के अवसर पर शुक्रवार को एक बहुभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन देव सदन में किया। इस सम्मेलन में विभिन्न वरिष्ठ एवं युवा कवियों द्वार हिन्दी, पहाड़ी, संस्कृत, और उर्दू भाषाओं में कविताएं सुनाई गईं कवि सम्मेलन में लगभग 50 कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की इस सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार तोब्दन ने की।
कार्यक्रम में परिचर्चा, व कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस पूरे समारोह के दौरान स्व. लाल चंद प्रार्थी द्वारा हिमाचल प्रदेश की संस्कृति को सहेजने के लिए दिए गए योगदानों को याद किया गया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
जिला भाषा अधिकारी प्रोमिला गुलेरिया ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि लाल चंद प्रार्थी कुल्लू हिमाचल प्रदेश सरकार में मंत्री रहे उन्होंने 1967 में भाषा-संस्कृति विभाग और अकादमी की स्थापना की थी। उन्होंने कुल्लू जिला के इतिहास को ‘कुल्लू देश की कहानी’ नामक पुस्तक में लिखा था। उन्होंने 1972-73 में जिला कुल्लू के ढालपुर में उत्तर भारत का पहला ओपन एयर थियेटर (कला केंद्र) बनवाया था।
उन्होंने कहा कि स्व. लाल चंद प्रार्थी ने प्रदेश की संस्कृति को सहेजने के लिए जो योगदान दिया था उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि युवाओं को जब तक प्राचीन संस्कृति और इतिहास के बारे में जानकारी नहीं होगी, तब तक इन बातों को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे नहीं पहुंचाया जा सकता।
इस अवसर पर कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से स्वर्गीय लाल चंद प्रार्थी को श्रधांजलि दी ।
इस कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार,सेवानिवृत्त प्रोफ़ेसर वरयाम सिह , डा सूरत ठाकुर, इशिता रंजन, अनुराग प्रार्थी उपस्थित रहे ।



