हिमाचल अपडेट ,जाईका प्रोजेक्ट हमीरपुर के सोजन्य से कृषक प्रशिक्षण केन्द्र सुंदरनगर में “ एकीकृत कीट प्रबंधन” पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम मंगलवार को संपन्न हुआ I इस कार्यक्रम में जाईका परियोजना में कार्यरत जिला मंडी, कांगड़ा हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना, सोलन, से आए हुए जाईका प्रोजेक्ट के कृषि अधिकारियों ने भाग लियाI प्रशिक्षण के दौरान प्रधानाचार्य, कृषक प्रशिक्षण केंद्र सुंदरनगर डॉo प्राची ने “एकीकृत कीट प्रबंधन” के जरूरी पहलुयों और उनके निवारण पर प्रकाश डालाI प्रशिक्षण के पहले दिन प्रशिक्षण समन्वयक हितेंदर सिंह ने एकीकृत कीट प्रबंधन: अवधारणा और प्रमुख प्रबंधन की विस्तृत जानकारी दी और संसाधन व्यक्ति द्वारा कीट प्रबंधन की भौतिक यांत्रिक और जैविक विधि, कीट प्रबंधन के लिए प्राकृतिक सूत्रीकरण की तैयारी, समूह दृष्टिकोण के माध्यम से खरपतवार प्रबंधन, अनाज, दलहनी सब्जियों में महत्वपूर्ण खरपतवार और कीट प्रबंधन के माध्यम से उनका प्रबंधन पर जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के दुसरे दिन वानिकी एवं बागवानी महाविद्यालय थुनाग के वैज्ञानिक डॉ. मंजू के द्वारा कृषि प्रणाली और कीट प्रबंधन का विश्लेषण, महत्वपूर्ण फसलों के महत्वपूर्ण कीटों की पहचान और एकीकृत प्रबंधन पद्धतियाँ तथा डॉ आदिति शर्मा के द्वारा कीट निगरानी, कीटनाशक निर्माण, विषाक्तता, अवशेष और कीटनाशकों के सुरक्षित रख-रखाव में महत्वपूर्ण उपकरण, महत्वपूर्ण फसल की बीमारियों की पहचान और एकीकृत प्रबंधन प्रबंधन पद्धतियाँ के बारे में प्रशिक्षित किया गया। डॉ सुधीर द्वारा एकीकृत कीट प्रबंधन में मृदा स्वास्थ्य एवम मृदा प्रबंधन में योगदान के बारे जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के अंतिम दिन प्रशिक्षुओं को ग्राम पंचायत खिलडा़ के गाँव नायली में प्राकृतिक खेती कर रहें किसान रूप लाल के खेतों का भ्रमण करवाया गया तथा व्यावहारिक रूप से कीट पतगों और बिमारियों की पहचान करवाई गई।