आस्था अपडेट,भगवान् श्री गणेश चतुर्थी का उत्सव हर साल भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। भगवान गणेश के जन्मोत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष के दौरान भगवान गणेश का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी का उत्सव पूरे 10 दिनों तक चलता है और इसका समापन अनंत चतुर्दशी के दिन होता है। गणपति बप्पा के स्वागत के लिए घर से लेकर मंदिर और पंडाल तक में खास सजावट की जाती है। गणेश चतुर्थी पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाई जाती है। लेकिन महाराष्ट्र में गणेश उत्सव का खास रौनक दिखाई देता है। पूरे 10 दिन दिन मुंबई गणपति जी की भक्ति के रंगों में रंगा नजर आता है।
गणेश चतुर्थी का उत्सव हर साल भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। भगवान गणेश के जन्मोत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष के दौरान भगवान गणेश का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी का उत्सव पूरे 10 दिनों तक चलता है और इसका समापन अनंत चतुर्दशी के दिन होता है। गणपति बप्पा के स्वागत के लिए घर से लेकर मंदिर और पंडाल तक में खास सजावट की जाती है। गणेश चतुर्थी पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाई जाती है। लेकिन महाराष्ट्र में गणेश उत्सव का खास रौनक दिखाई देता है। पूरे 10 दिन दिन मुंबई गणपति जी की भक्ति के रंगों में रंगा नजर आता है। तो आइए जानते हैं कि इस साल गणेश चतुर्थि किस दिन से शुरू हो रहा है और मूर्ति स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।
गणेश चतुर्थी 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त
साल 2024 में गणेश चतुर्थी का पावन उत्सव 7 सितंबर 2024 से शुरू होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 6 सितंबर 2024 को दोपहर 3 बजकर 1 मिनट से होगा। चतुर्थी तिथि का समापन 7 सिंतबर को शाम 5 बजकर 37 मिनट पर होगा। अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी। बता दें कि इसी दिन गणपति विसर्जन किया जाएगा।
गणेश चतुर्थी 2024 मूर्ति स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त
7 सितंबर को गणेश चतुर्थी की पूजा और मूर्ति स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 3 मिनट से दोपहर 1 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त के बीच भक्तगण बप्पा की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं। गणपति जी की मूर्ति विधिपूर्वक ही स्थापित करनी चाहिए। वहीं गणेश की वो मूर्ति घर लाएं जिसमें उनकी सूंड बाईं ओर हो। दाएं तरफ सूंड वाली गणपति जी की मूर्ति को घर में स्थापित करने से बचना चाहिए। कहते हैं कि इनकी पूजा पाठ करनाआसान नहीं होता है।